जनता के दरबार कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 147 आवेदकों के मामलों की सुनवाई कर अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

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पटना, 11 अक्टूबर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4. देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 147 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में हाजिर होकर लोगों की शिकायतें सुनीं। जनता दरबार में नवादा से आये एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से कहा कि नवादा के पूर्व विधायक के दामाद के निजी कॉलेज में वो प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। हमलोगों को वेतन नहीं दिया जा रहा। इस संबंध में उन्होंने कई जगह गुहार लगायी, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। प्राचार्य की पूरी बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुंगेर से आयी एक महिला शिक्षिका ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरा प्रमाण-पत्र सही रहने के बावजूद उसे फर्जी बताते हुए मुझे शिक्षक पद से हटा दिया गया है। प्रमाण-पत्र की सभी जगह से जांच भी हो गई है लेकिन उन्हें फिर से सेवा में नहीं लिया जा रहा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

समस्तीपुर से आये एक छात्र ने मुख्यमंत्री से गहार लगाते हए कहा कि वर्ष 2017 में ही मैट्रिक की परीक्षा पास की लेकिन 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है। सरकारी दफ्तर जब जाते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मामले की जांच कर उचित कदम उठाया जाय।

शिवहर से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि मैंने वर्ष 2016 में मैट्रिक की परीक्षा पास की लेकिन मेरे सर्टिफिकेट पर मेरी तस्वीर की बजाए एक लड़की की तस्वीर लगा दी गई है। सर्टिफिकेट पर फोटो सुधार के लिए बिहार बोर्ड में आवेदन भी किया, लेकिन अबतक सुधार नहीं हुआ। सर्टिफिकेट पर लड़के की जगह लड़की की तस्वीर लगाये जाने पर मुख्यमंत्री आश्चर्यचकित हो गये। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

छौड़ादानो, पूर्वी चंपारण से आए एक फरियादी ने कहा कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पारित आदेश का अनुपालन प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा नहीं किया जा रहा है। वहीं रुनीसैदपुर, सीतामढ़ी से आए युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि प्रेमनगर स्थित मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बिहारशरीफ से आए एक शिकायतकर्ता ने शिकायत करते हुए कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में समाजशास्त्र विषय में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधान का उल्लंघन किया जा रहा है। वहीं दाउदनगर, औरंगाबाद के एक युवक ने शिकायत करते हुए न्यायिक हिरासत एवं मुकदमा से मुक्त होने के उपरांत उन्हें फिर से डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर बहाली करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मनेर, पटना के एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम के अंतर्गत मृतक के आश्रित का मुआवजा नहीं मिल पाया है। वहीं भभुआ, कैमूर के एक युवक ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा का स्नातक पाठ्यक्रम पांच वर्षों में पूरा हो रहा है जबकि तीन वर्षों में ही डिग्री मिलनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने इन मामलों पर संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश

दिया।

बछवाड़ा, बेगूसराय की एक महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में उनके यहां अनियमितता हुई है तो वहीं मुंगेर की एक महिला ने पति से कोरोना से मृत्यु होने पर मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन, सूचना प्रावैधिकी मंत्री श्री जीवेश कुमार, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमा खान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। कोयले की कमी को लेकर पैदा हुई बिजली की समस्या को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस संबंध में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से अद्यतन स्थिति की जानकारी ली है। अधिकारियों ने बताया है कि बिजली की जितनी जरुरत है उसके हिसाब से आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यह वास्तविकता है कि एन0टी0पी0सी0 और दूसरी कंपनियों से जितनी बिजली आपूर्ति का प्रावधान है उतनी बिजली नहीं मिल पा रही है, इसको लेकर यह समस्या आई है। उन्होंने कहा कि अभी दूसरी कंपनियों से ज्यादा कीमत पर बिजली खरीद कर आवश्यकता के अनुरुप बिजली आपूर्ति की जा रही है। बिजली की सप्लाई में कमी आई है, ऊर्जा विभाग स्थिति को नॉर्मल करने को लेकर पूरी तरह से तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5 दिनों में विद्युत एक्सचेंज से लगभग 570 लाख यूनिट बिजली की खरीद की गई है जिसकी कुल लागत लगभग 90 करोड़ रुपये है। अभी बिहार में मांग के अनुरुप बिजली की आपूर्ति की जा रही है। पिकआवर में लगभग 5,500 से 5,800 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है। अभी समझौते के बाहर की कंपनियों से बिजली खरीदने में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। यह बात बिल्कुल सही है कि अभी बिजली की समस्या है, इससे सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश प्रभावित है। उन्होंने कहा कि जनता ने जब हमें सेवा का मौका दिया तो बिहार में बिजली की स्थिति में सुधार को लेकर तेजी से काम करना शुरु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यक सुविधा बहाल की जाए।

शुरुआती वर्षों में बिजली घरों की स्थिति में सुधार और नये बिजली घरों की स्थापना को लेकर कार्य किये गये, बाद में बिहार के बिजली घरों को एन0टी0पी0सी0 के साथ समझौते करके उनको सौंप दिया। अभी बिहार सरकार के अधीन कोई बिजली घर नहीं है। ऊर्जा विभाग ने जानकारी दी है कि बरौनी ताप विद्युत केंद्र की 9वीं इकाई दस दिनों में और छठी इकाई एक महीने में चालू हो जायेगी।

अधिक वर्षापात के कारण बाढ़ की स्थिति के दौरान हुई फसल क्षति के मुआवजे को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर हमने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है। सभी डी०एम० से जिलों के संबंध में पूरी जानकारी लेने को कहा गया है। अनेक जगहों पर हमने खुद भी बात की है। हमने कह दिया है कि कहां क्या नुकसान हुआ है इसकी जानकारी लेकर पूरी रिपोर्ट 12 अक्टूबर तक तैयार कर लें। रिपोर्ट की जानकारी कल लेंगे। राज्य सरकार फसल क्षति के मुआवजे को लेकर काम कर रही है। जितने भी प्रभावित लोग हैं हम सबकी मदद करेंगे। जो 4-5 प्रकार की मदद तय है उसके अनुसार सबको मदद की जायेगी।

यू०पी० के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर पूछे गये पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं कोई इंसिडेंट होता है तो ये काम देखना वहां के प्रशासन और पुलिस का है। वे इसे देख रही है, सारी चीजें सामने आ रही हैं। किसी भी राज्य में कोई इंसिडेंट होता है तो पूरी जांच होती है और जांच होने के बाद जो जरूरत है, उसके अनुसार कार्रवाई होती रहती है। इन सब चीजों में हम कोई बयान या ज्यादा वक्तव्य नहीं देते हैं। हमको अपने राज्य के बारे में ही सब कुछ देखना है, अगर कहीं कोई घटना घटती है तो हमलोग अलर्ट रहते हैं और तत्काल कार्रवाई की जाती है।

जातीय जनगणना को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना होने से सभी जातियों और उपजातियों की सही संख्या की जानकारी मिलेगी। समाज के सभी तबकों को आगे बढ़ाने के लिए यह जरुरी है। उपचुनाव के बाद इस मुद्दे पर आपस में बैठक कर चर्चा की जायेगी और उचित निर्णय लिया जायेगा। जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया है, अब निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। अगर केंद्र की तरफ से नहीं होता है तो राज्य की तरफ से क्या किया जा सकता है, इसको लेकर सभी दलों के साथ चर्चा होगी। अभी वर्ष 1931 की जनगणना के अनुसार जातियों की संख्या को लेकर मौटे तौर पर काम चलाया जा रहा है। लेटेस्ट जातीय जनगणना होने से बहुत अच्छा होगा। जातीय जनगणना को लेकर सभी पार्टियों के साथ चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा ताकि अच्छे ढंग से काम हो सके।

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