लालटेन के सब तेल दियरी में डला गईल

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  • रमेश कुमार पाण्डेय
    लालटेन के सब तेल ई बार दिवाली के दियरी में डला गईल,
    लालू चचा के ‘एम-वाई’ समीकरण अब बियरी में भूला गईल|
    कुशेश्वरस्थान और तारापुर में मत सोचिह कि बूथे लूटा गईल,
    सुशासन के सरकार में जनता जंगलराज के भूला गईल|
    जाति के जंजाल से बिहार के जागरूक जनता उबिया गईल,
    तीर के प्रहार से लालटेन हवा में उधिया गईल|
    पंचायत तक हाईस्कूल पहुंचा के नीतीश सरकार शिक्षा के अलख जगा गईल,
    कंप्यूटर के दौर में अब लाठी पटनी पर रखा गईल|
    भूरा बाल साफ़ करेके नारा अब गंगा में समा गईल,
    एटूजेड के गफलत से बिहारी लोग भकुआ गईल|
    ‘न्याय के साथ विकास’ की बयार में मतदाता अब वंशवाद अउर क्षेत्रवाद भूला गईल,
    नीतीश काका के काम पर पूरा बिहार लोभा गईल|
    भाई-भाई के जूझ में जब ललटेनिया के लोग अझुरा गईल,
    तब दुनो जगह जीता के फिर जनता सुशासन पर मुहर लगा गईल|

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