18 नवंबर पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि महिला सशक्तिकरण के लिए एनडीए सरकार ने उठाया क्रांतिकारी कदम। शैक्षणिक प्रोत्साहन के लिए बिहार सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं में मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना , बालिका साइकिल योजना , बालिका प्रोत्साहन योजना के जरिये शिक्षा के क्षेत्र में उनके लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है।
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा हेतु महिला आवेदकों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता है ।
महिला सशक्तीकरण के लिए ही शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 और पुलिस की बहाली में दारोगा तक के पदों पर 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत 2021 -2023 से इंटर उत्तीर्ण होने पर अविवाहित कन्याओं को ₹25000 एवं स्नातक होने पर ₹50000 की आर्थिक सहायता।
विधवा पेंशन योजना- इस योजना के अंतर्गत 40-79 वर्ष की बीपीएल परिवारों की विधवाओं को रु . 300 / – की मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।
लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना इस योजना में 18 से 39 , 40 से 59 या 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की वैसी विधवाएं आती हैं जो या तो बी . पी . एल . परिवार की हो या जिनकी वार्षिक आय 60000 / – से कम हो।
श्री अरविन्द ने कहा है कि राज्य सरकार की योजनाऐं मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना महिलाओं के संरक्षण , विकास और सशक्तीकरण की समेकित योजना है जैसी योजनाओं का कार्यान्वयन करता है। निगम घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की रक्षा के सामाजिक जागरूकता पैदा करने हेतु कार्यक्रम महिलाओं के बीच उद्यमिता को प्रोन्नत करने के लिए नवाचारी योजनाएं संचालित करता है।
जीविका ( स्वयं सहायता समूह ) – वर्ष 2007 में विश्व बैंक की आर्थिक सहायता से बिहार रूरल लाइवलिहुड प्रोजेक्ट यानी जीविका शुरू किया गया । शुरू की 2010 तक प्रोजेक्ट को राज्य के 55 ब्लॉक में गई ।
दिसंबर 2011 तक राज्य में 44,759 स्वयं सहायता समूह बन गए , जिसमें 2888 ग्राम संगठनों की मदद से 81 करोड़ 66 हजार रुपए उधार दिए गए । तरक्की का यह रास्ता बिहार में हर महिला के लिए खुला प्रोजेक्ट ने नौ जिलों में 55 ब्लॉक के 7.5 लाख घरों महिलाओं को आत्म निर्भर बनाया है।
कन्या विवाह योजना के अंतर्गत गरीब परिवार की कन्याओं को विवाह के समय 5000 रूपए तक की राशि सहायता स्वरुप दी जाती है।
पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी तक आरक्षण दिया गया है।
हिंसा पीड़ित महिलाओं को सामाजिक , मनोवैज्ञानिक, चिकित्सकीय एवं विधिक परामर्श उपलब्ध कराने के लिए, जिला स्तर पर महिला हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा है।
महिलकाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक प्रगति के लिए बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीत लागू की गई हैं।
अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन के लिए प्रोत्साहन राशि स्वरुप 1 लाख रूपए तक की सहायता राशि का प्रावधान है। प्राथमिक शिक्षक नियोजन में 50 % स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है ।
दूसरी ओर बिहार सरकार ने दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाए जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए शराबबंदी जैसे निर्णय लिए गए।
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