दरभंगा में एम्स का निर्माण मेरी ही पहल पर : मुख्यमंत्री
पटना, 16 दिसम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज दरभंगा में प्रस्तावित एम्स की अधिग्रहित की गई भूमि का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके पश्चात डी०एम०सी०एच० ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा एम्स तथा अवशेष भूमि पर डी०एम०सी०एच० के पुनर्गठन हेतु समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव श्री कौशल किशोर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से दरभंगा एम्स की प्रस्तावित जमीन के हवाई सर्वेक्षण की वीडियो फुटेज, नजरी नक्शा, 4 लेन कनेक्टिविटी साइट प्लान, पावर सब स्टेशन, मिट्टी भराई का कार्य, जलापूर्ति आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने डी०एम०सी०एच० के पुनर्गठन के मद्देनजर संस्थानों के स्थानांतरण, फेज वाइज प्लान, डेवलपमेंट प्लान, स्टूडेंट स्ट्रेंथ, मास्टर प्लान आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि दरभंगा एम्स के लिए 200 एकड़ भूमि की कोई उपयोगिता नहीं है। इसके लिए 150 एकड़ भूमि पर्याप्त है। डी०एम०सी०एच० के पास जितनी जमीन है उसमें से एम्स के लिए जितनी जरुरी हो उतनी जमीन दी जाय। उन्होंने कहा कि मेरी पहल पर ही दरभंगा में एम्स का निर्माण होने जा रहा है। मेरी इच्छा थी कि डी०एम०सी०एच० को ही एम्स में अपग्रेड कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि पी०एम०सी०एच० पटना के बाद बिहार का दूसरा मेडिकल कॉलेज दरभंगा में बना था। पी०एम०सी०एच० में पढ़ने वाले डॉक्टर जिस तरह से आज विदेशों में हैं, वैसे ही डी०एम०सी०एच० से पढ़े हुए डॉक्टर भी अनेक जगहों पर हैं।
जब हम केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे तो कई जगहों पर जाने के दौरान डी०एम०सी०एच० से पढ़े हुए डॉक्टर मिल जाते थे इसलिए डी०एम०सी०एच० का भी भी बहुत इंपोटेंस है। पी०एम०सी०एच० का हमलोग विस्तार करवा रहे हैं। आबादी को ध्यान में रखते हुए डी०एम०सी०एच० का भी विस्तार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा में एम्स का निर्माण हो रहा है। यह लो लाइन लैंड है। इसको ध्यान में रखते हुए मिट्टी भराई का कार्य सुनिश्चित किया जाय ताकि जलजमाव की स्थिति उत्पन्न न हो। जल निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम की भी व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एलिवेटेड कॉरिडोर की डिजाइन इस प्रकार की हो कि एम्स के साथ-साथ डी०एम०सी०एच० तक लोग सहूलियत पूर्वक आवागमन कर सकें। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डी०एम०सी०एच० की बाउंड्रीवाल को और ऊंचा करने की जरुरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा शहर में तीन बड़े तालाब डिस्टर्व हो रहे हैं।जल-जीवन- हरियाली अभियान के तहत जिस प्रकार से तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, उसी तरह से इन तालाबों का भी सौन्दर्यीकरण हो ताकि इन तालाबों के चारों तरफ वृक्षारोपण के साथ ही लोगों के टहलने की भी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि दरभंगा में एयरपोर्ट होने से दूर दराज से आने वाले लोगों को काफी सहूलियत हो रही है। एयर एंबुलेंस भी आसानी से आ सकती है।
डी०एम०सी०एच० दरभंगा (मेडिकल ग्राउंड) स्थित हेलीपैड पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नेताओं एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर, विधायक श्री संजय सरावगी, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ० हरिशंकर मिश्रा, दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ० के०एन० मिश्रा सहित दरभंगा मेडिकल कॉलेज से जुड़े चिकित्सकगण, कर्मीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पटना से अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार श्री विवेक कुमार सिंह, प्रधान सचिव, नगर विकास एवं आवास श्री आनंद किशोर, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव एवं कुशेश्वस्थान से दरभंगा जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम० जुड़े हुए थे।
समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री, विधायक श्री संजय सरावगी के आवास पर पहुंचे। विधायक श्री संजय सरावगी ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने भी मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिथिलांचल के साथ हमारा शुरु से रिश्ता रहा है। दरभंगा एम्स के लिए सभी तरह के इंतजाम किये जा रहे हैं। एम्स के लिए 150 एकड़ जमीन दी जायेगी। असामाजिक तत्व कुछ गड़बड़ नहीं कर सके, इसे ध्यान में रखते हुए डी०एम०सी०एच० की बाउंड्रीवाल को ऊंचा किया जायेगा। जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए मिट्टी भराई का कार्य भी किया जायेगा। ड्रेनेज सिस्टम को भी दुरुस्त किया जायेगा ताकि जल निकासी आसानी से हो सके।
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