बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर से ब्राह्मणों पर दिए गए विवादित बयान के बाद तेज हुई राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही. आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला रुकने के बदले बढ़ता ही जा रहा है. अब बात समर्थन वापसी और सरकार गिराने तक पहुंच गई है. हम प्रवक्ता पर पलटवार करते हुए बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री नीरज कुमार बबलू ने बुधवार को साफ कर दिया कि मांझी की पार्टी के चार विधायकों की बदौलत बिहार में एनडीए की सरकार नहीं चल रही है. इसपर मांझी की पार्टी ने भाजपा को ललकारते हुए कहा है कि यदि एनडीए को हमारे चार विधायकों की जरूरत नहीं तो समर्थन वापसी को कह दें. इधर, मंत्री नीरज कुमार बबलू ने अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि जीतन राम मांझी का उम्र हो गया है, उन्हें आराम करना चाहिए.
हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मंत्री नीरज कुमार बब्लू पर पलटवार करते हुए कहा कि वे मीडिया में बने रहने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. इसके साथ ही एनडीए के तमाम नेताओं को चेताया है कि वे बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप लगाना बंद कर दें. फिलहाल सरकार के पास विधायकों की तादाद कम है. कुछ दिन पहले दो विधायकों का देहांत होने पर सरकार को चुनाव प्रचार के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ गई थी. अगर चार विधायक हट जाएं तो फिर सरकार बचाने के लिए क्या सब कुछ करना पड़ेगा, इसका मंत्री को अंदाजा नहीं है. संतोष मांझी के सड़क पर आने की बात पर हम प्रवक्ता ने नीरज सिंह बबलू पर पलटवार करते हुए कहा कि मांझी समाज तो रोड किनारे रहने वाले लोग हैं. सड़क पर आ जाएंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. फर्क तो उन्हें पड़ेगा जो आलिशान कोठियों में रहनेवाले हैं. जब उन्हें निकलना पड़ेगा.
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