समस्तीपुर में समाज सुधार अभियान में शामिल हुए मुख्यमंत्री

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पटना, 30 दिसम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समस्तीपुर के पटेल मैदान में राज्य में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह मुक्ति हेतु चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान में शामिल हुए। – आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में आने के लिए आप सबको धन्यवाद देता हूं और अभिनंदन करता हूं। आज 6 जीविका दीदियां ने अपने अनुभव को साझा किया उनको बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि किस बुरे हाल से निकलकर बिहार आज इतना आगे बढ़ा है। वर्ष 2016 में अभियान चलाने के दौरान हम 9 जगहों पर गए थे और इस बार अभियान में 12 जगहों पर जाएंगे. जिसका आज पांचवा दिन है। शराबबंदी के पक्ष में तथा दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। स्व० कर्पूरी ठाकुर जी जब वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने शराबबंदी लागू किया लेकिन ढाई वर्ष बाद फिर से शुरु कर दिया गया। हमारे मन में शराबबंदी की बात शुरु से थी। हमारे मन में आशंका थी कि शराबबंदी लागू कर पाएंगे कि नहीं। हमलोग शराबबंदी को लेकर वर्ष 2011 से अभियान चला रहे हैं। इसको क्रियान्वित करने को लेकर मेरे मन में शंका थी, लेकिन जब वर्ष 2015 में महिलाओं के एक सम्मेलन में मैं गया हुआ था, महिलाओं के विकास की बातें हो रही थीं। जैसे ही हम बोलकर बैठे कि पीछे से महिलाओं ने आवाज लगायी शराब बंद कराईये। उसके बाद वापस हम माइक पर आये और कहा कि अगली बार अगर काम करने का मौका मिलेगा तो शराबबंदी लागू कर देंगे और हमने इसको लागू किया। लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सारे लोग इस काम में लगे हुए हैं। निरंतर यह अभियान चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका समूह की एक महिला ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे पति काम से लौटते थे दारू पीकर आते थे, परिवार में सभी को बुरा लगता था, देखने में खराब लगते थे। अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से तरकारी और फल लेकर घर में आते हैं तो मुस्कुराते हैं। अब देखने में अच्छे लगते हैं, यह कितना बड़ा परिवर्तन हुआ है। समाज में कुछ लोग गड़बड़ी करने वाले होते हैं चाहे वे किसी भी धर्म के मानने वाले लोग हों। कितना भी अच्छा काम कीजिएगा कुछ लोग तो गड़बड़ी करेंगे ही लेकिन हमलोगों को अभियान चलाते रहना है। कोई शराब पी रहा है तो इसका परिणाम देख लीजिए शराब पीने से कितने लोग मरे इसलिए सबसे कहता हूं कि कभी शराब मत पीयो। 24 नवंबर 2005 से जो आपलोगों ने काम करने का मौका दिया, आपकी सेवा कर रहे हैं। पहले कि क्या हालत थी, शाम होते कोई घर से बाहर नहीं निकल पाता था। अब देर रात तक लोग कहीं भी आते-जाते हैं। लोगों में भरोसा बढ़ा है। समाज के हर तबके का उत्थान किया। स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। महिलाओं की कितनी उपेक्षा होती थी। महिलाएं घर का काम करती थीं, कहीं-कहीं खेतों में भी जाकर काम करती थीं लेकिन उनके बारे में कोई खास ध्यान नहीं था। जब हमलोगों ने काम करना शुरु किया तो कहा कि महिलाएं भी अगर काम करेंगी तो परिवार की आमदनी बढ़ेगी। जब दोनों मिलकर काम करेंगे तो और विकास होगा। समाज में जो पीछे रह गये थे, समाज के उन तबकों के उत्थान के लिए हमलोगों ने विशेष ध्यान दिया। चाहे महिला हो, अनुसूचित जाति/जनजाति हो, अल्पसंख्यक हो या अतिपिछड़ा वर्ग के हों, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेष पहल की। सरकारी सेवाओं में हमलोगों ने महिलाओं को आरक्षण दिया। पुलिस में भी हमलोगों ने महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया। पुलिस बल में जितनी महिलाएं अब बिहार में हैं उतना देश के किसी भी राज्य में नहीं है। महिलाओं के पढ़ाई करने की वजह से आज सरकारी सेवाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। जीविका समूह बनाकर लोग किस तरह से अपनी आमदनी को बढ़ा रहे हैं और उनमें कितनी जागृति आ रही है। जब हमलोगों ने साइकिल योजना की शुरुआत की तो कुछ लोगों ने मेरा मजाक उड़ाते हुए कहा कि लड़की साइकिल चलाएगी तो रास्ते में लोग तंग करेंगे। हमने कहा था कि एक आदमी की हिम्मत नहीं है कि लड़की साइकिल चलाएगी तो कोई उसको तंग करेगा। लड़कियों को साइकिल मिल गया तो लड़कियां अपनी मां और पिता को भी लेकर बाहर जाने लगी और घर की जरूरत के लिए सामानों को भी खरीदकर लाने लगी हैं। उसके बाद लड़कों ने भी साइकिल की मांग करना शुरू किया तो उनके लिए हमलोगों ने साइकिल योजना की शुरुआत की। आप देख लीजिए कितनी बड़ी संख्या में लड़कियां आगे आने लगीं और पढ़ाई करने लगी हैं। पहले लड़कियाँ कम पढ़ाई करती थीं लेकिन पिछले साल मैट्रिक की परीक्षा में लड़कों से 200-300 ज्यादा लड़की पूरे बिहार में परीक्षार्थी थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका समूह के माध्यम से महिलाओं में जागृति लायी जा रही है। वर्ष 2007 से हमलोगों ने पोशाक योजना की शुरुआत की। आगे चलकर हमलोगों ने साईकिल योजना की शुरुआत की। वर्ष 2006 में मुजफ्फरपुर में जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के कार्यों को देखा था। स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाएं काम कर रही थीं। उनलोगों से जाकर हमने बात की, जब उनलोगों की बातों को सुना तो मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। हमने इसके विस्तार की बात सोची और फिर वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेने का निर्णय लिया। बाद में जब इसकी बड़े पैमाने पर शुरुआत की तो आपके अनुभव के आधार पर हमने पूरे बिहार में काम कराना शुरु कर दिया और उसका हमने नामकरण किया जीविका। हमलोगों ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का निर्णय लिया था, वह पूर्ण कर लिया गया है। अब 1 करोड़ 27 लाख महिलाएं इससे जुड़ गई हैं। जीविका का नामकरण हमलोगों ने ही किया है, इसे याद रखिएगा। उस समय की केंद्र सरकार ने इससे प्रभावित होकर पूरे देश में इसे आजीविका नाम से शुरू किया, यह कितनी बड़ी बात है। जब हमलोगों ने साइकिल योजना शुरु किया तो वर्ष 2009, 2010 एवं 2011 में इंग्लैंड और अन्य देशों से इसको देखने और समझने के लिए टीमें आयीं कि आखिर कैसे ये लोग इस योजना को चला रहे हैं। हमने कहा कि महिलाओं को पढ़ाएंगे और आज की तारीख में लड़का-लड़की दोनों पढ़ाई कर रहे हैं। बाल विवाह और दहेज प्रथा की वजह से किस प्रकार से लडकियों को परेशानी उठानी पडती हैं। कम उम्र में शादी होने से जन्म लेने वाले बच्चे की लंबाई कम होती है। इसको ठीक ढंग से लोगों के बीच प्रचारित करने की जरुरत है। पटना में बापू सभागार बनाया गया है, जिसमें 5 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। इसका उद्घाटन 2 अक्टूबर 2017 को दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन कार्यक्रम से हुए थी। दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर कानून पहले से ही बना हुआ है, फिर भी बहुत लोग इसको नहीं मान रहे हैं। हमने अपने साथियों से भी कहा है कि इस अभियान की शुरुआत की है, इसका मतलब ये नहीं कि जहां जाएंगे वहीं तक अभियान है बल्कि इस अभियान को निरंतर जारी रखना है। अगर कोई शादी-विवाह में दहेज लेता है तो आप उसका विरोध कीजिए। वैसी शादी में आप शामिल मत होइये। जब आप शामिल नहीं होंगे तो निश्चित रुप से लोगों को लगेगा कि अगर हम दहेज लेंगे तो शादी में शामिल नहीं होंगे। निश्चित रुप से इसका विरोध होगा इसलिए इस काम को भी साथ-साथ जारी रखना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला बनी, जिसमें 4 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ 21 जनवरी 2018 को 13 हजार किमी से अधिक की अट मानव श्रृंखला बनी। शिक्षकों के नियोजन में महिलाओं के लिए हमने 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। वर्ष 2008 में होने वाले पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए हमने एक कानून बनाया, जिसमें तय किया कि पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत का आरक्षण महिलाओं के लिए रहेगा। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना। उसके साथ-साथ महिलाओं के उत्थान के लिए हमलोगों ने कई काम किये। राज्य के सभी सेवाओं में 35 प्रतिशत और पुलिस सेवा में 37 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान महिलाओं के लिए किया है। आज बिहार में 25 हजार 102 महिलाएं पुलिस बल में कार्यरत हैं। इतना ज्यादा पुलिस बल में महिलाएं देश भर में कहीं नहीं हैं। हम बहनों से आग्रह करेंगे कि जो शराब पीते हैं, गड़बड़ करता है उनके चारो तरफ खडा होकर जमकर नारा लगाईये और सूचना भी दीजिए। जहां बैठिए शराब नहीं पीने के लिए लोगों को प्रेरित कीजिए। आपस में मिल जुलकर रहना है। आपकी सेवा करना ही हमारा धर्म है। उम्मीद है कि जो कोई भी गड़बड़ करेगा, उसके खिलाफ अभियान चलाइयेगा। विकास के साथ समाज सुधार होगा तो समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा। शराब कितनी बुरी चीज है इसके संबंध में विज्ञापन के जरिए भी लोगों को जानकारी दी जा रही है, उस पर भी गौर कीजिएगा। लोगों को इसके प्रति सचेत कीजिए। बापू ने देश को आजाद कराने में बहुत बड़ी भूमिका निभायी थी। शराब के वे खिलाफ थे। आजादी की लड़ाई के दौरान लोगों से कहते थे-शराब न सिर्फ आदमी का पैसा बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। बापू ने कहा था कि अगर एक घंटा के लिए भी तानाशाह बन गए तो हम सभी शराब की दुकानों को बंद कर देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 से 2018 तक सर्वेक्षण कराया और 2018 में ही रिपोर्ट को प्रकाशित किया। उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनिया में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से होती है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं। कैंसर, टीबी, लीवर से संबंधित बीमारी, हेपेटाइटिस, महिलाओं के साथ हिंसा जैसी घटनाएं दारु पीने के कारण होती हैं, जबकि 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं। शराब पीने से दुनिया भर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है। मिरगी के 13 प्रतिशत मामले शराब पीने से होते हैं। शराब के सेवन से 48 प्रतिशत लीवर की गंभीर बीमारी लीवर सिरोसिस के शिकार लोग होते हैं। माउथ कैंसर के कुल मामलों का 26 प्रतिशत शराब पीने के कारण होती है। पैंक्रियाज के 26 प्रतिशत, बड़ी आंत की बीमारी के 11 प्रतिशत मरीजों की शराब पीने से होती है। ब्रेस्ट कैंसर के 5 प्रतिशत और टीबी के 20 प्रतिशत मामले शराब सेवन से होती है। शराब के दुष्परिणामों के जो आंकड़े दिए गए हैं, उस पर सबलोग गौर कीजिए और हमारा आपलोगों से आग्रह है कि इसके बारे में सभी को बताएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के लिए निरंतर अभियान चलाते रहने की जरुरत है। समाज सुधार अभियान जारी रखना है, इसे घर-घर तक पहुंचाना है। जो बुकलेट दिया गया है उसे सब घर में पहुंचाना है। सभी लोग इस बुकलेट को अपने घर में रखें और लोगों को भी पढ़ाएं। 16 नवंबर को शराबबंदी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा की और उसके बाद इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। अभी तक 75 हजार 300 छापेमारी की गई। शराबबंदी से संबंधित 11 हजार 370 मामले दर्ज किए गए। 13 हजार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई। 1 लाख 89 हजार लीटर देसी शराब, 3 लाख 24 हजार लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। शराब से जुड़े मामलों में 1 हजार 788 गाड़ियां जब्त की गई।

हमलोगों ने कॉल सेंटर बनाया था कि कोई गड़बड़ करे तो सूचित करें आपका नाम नहीं बताया जाएगा और तत्काल कार्रवाई किया जाएगा। कॉल सेंटर में जहां औसतन 70-80 कॉल प्रतिदिन आते थे अब बढ़कर 190 से 200 कॉल आ रहे हैं। महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी जागृति आनी चाहिए। नदियों में भी पेट्रोलिंग किया जा रहा है। रेलगाड़ियों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। चेकपोस्ट पर वाहन चेकिंग अभियान 24 घंटे चलाया जा रहा है। एक-एक पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों ने 26 नवंबर 2021 को पुनः शपथ लिया है कि न पीएंगे, न पीने देंगे और नहीं पीने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। नीरा के उत्पाद का जो प्रदर्शनी दिखाया गया उसको देखकर मुझे प्रसन्नता हुई। ताड़ के पेड़ से सुबह होने से पहले नीरा निकलेगा। ताड़ के पेड़ से ताड़ी नहीं निकालें बल्कि नीरा का उत्पादन करें, जो सेहत के लिए भी लाभदायक है। जो भी ताड़ के पेड़ से नीरा उत्पादन का काम करेगा उसको सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 1 लाख रुपए तक की मदद करेंगे और इस योजना के तहत व्यवसाय को शुरु करने के लिए सात माह तक 1-1 हजार रुपया भी दिया जाता है। हमलोगों को शराबबंदी के पक्ष में, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाना चाहिए ताकि लोगों में जागृति आए। हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली नाली का निर्माण कराया गया है। खुले में शौच नहीं कीजिए और अपने घर में बने शौचालय में शौच कीजिए। अगर आप खुले में शौच नहीं करेंगे और साफ पानी पीएंगे तो 90 प्रतिशत बीमारियों से छूटकारा मिलेगा। इसके लिए भी अभियान चलाते रहना है ताकि घर-घर तक एक-एक बात पहुंच जाए। आपस में भाईचारे का माहौल रहे। आपस में मिल जुलकर रहना है। आपलोगों ने हाथ उठाकर संकल्प भी लिया इस बात के लिए आपलोगों को हृदय से धन्यवाद देता हूं।

कार्यक्रम को शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री सह प्रभारी मंत्री समस्तीपुर श्री श्रवण कुमार, पंचायती राम मंत्री सह दरभंगा के प्रभारी मंत्री श्री सम्राट चौधरी, खाद्य उवं उपभोक्ता मंत्री सह मुधुबनी जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती लेसी सिंह, विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री महेश्वर हजारी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, श्रम संसाधन मंत्री श्री जीवेश कुमार मिश्रा, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन के अपर मुख्य सचिव श्री के0के0 पाठक ने संबोधित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री ने चलंत स्टॉलों का, जिसमें नीरा उत्पादन, जीविका के कार्य आदि से संबंधित लगाए गए प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त श्री मनीष कुमार ने पौधा तथा श्रम संसाधन मंत्री श्री जीवेश कुमार मिश्रा ने प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया। जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरुगन डी0 ने जीविका दीदी द्वारा निर्मित स्मृति चिन्ह मुख्यमंत्री को भेंट किया।

कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों ने स्वागत गान गाया और कला जत्था के कलाकारों ने नशामुक्ति से संबंधित जागरुकता गीत को प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिले के सिंघवाड़ा प्रखंड में वंडर मातृत्व स्वास्थ्य की तर्ज पर नवजात शिशु कार्यक्रम का शुभारंभ जीविका दीदी को कीट भेंटकर किया।

सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत 8.39 करोड़ रूपये की राशि मुख्यमंत्री ने जीविका की दीदियों को डमी चेक प्रदान कर किया। 11475 स्वयं सहायता समूह को बैंकों द्वारा प्रदत 150.75 करोड़ राशि का डमी चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 38 जलाशयों के रख रखाव हेतु डमी चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। जीविका नीरा उत्पाद समूह हेतु 20 नीरा केंद्रों को नीरा संग्रह एवं बिक्री हेतु डमी चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री परित्यक्ता, तलाकशुदा स्व रोजगार सहायता योजना मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक ऋण योजना के लाभार्थियों को चेक प्रदान किया।

कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान सतत् जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी विशुनपुर, समस्तीपुर की रहने वाली श्रीमती रीता देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे पति शराब पीते थे, बहुत तंग करते थे। उसके बाद अपने ससुराल में ही किराए पर सिलाई मशीन लिया और काम शुरु किया। उसके बाद 2004 में जीविका समूह से जुड़ गई और अपना सिलाई मशीन लेकर काम करना शुरु किया। 2015 में हमने सहयोग लेकर किराना की दुकान खोल दिया और अपने बच्चों को दुकान पर बैठाना शुरु किया। एक बार अपने पति से तंग आकर जीविका समूह की बैठक में हमने अपने दर्द को बयां किया। पति बार बार धमकी देते थे कि छोड़कर चले जाएंगे और एक दिन घर छोड़कर चले गए। कुछ दिनों के बाद जब हमारा दिन बदला तो पति ने कहा कि आना चाहता हूं तो हमने कहा कि दारु पीना छोड़ देंगे तभी आने देंगे। पति ने वादा किया कि दारु छोड़ देंगे और आज फर्नीचर के दुकान पर बैठने लगे हैं। आज मेरा किराना दुकान भी चल रहा है, मैं सिलाई करती हूं। बेटी-बेटे को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ा रही हूं।

समस्तीपुर के वारिसनगर प्रखंड से आयीं शहनाज खातून ने बताया कि मेरी शादी जिससे हुई वो पति पहले से ही शादीशुदा था। मुझे तीन बेटी जब हुई तो मेरा शौहर मुझे छोड़कर चला गया। मेरी मां मुझे लेकर दिल्ली चली गई उसके पास लेकिन वहां से भी वह भाग गया। मैंने दिल्ली में मजदूरी किया। उसके बाद मां की तबीयत खराब हुई तो मैं अपने गांव लौट आयी। फिर दीदियों ने जीविका समूह से जोड़ दिया और मुझे 10 हजार रुपया मिला उसके बाद काम शुरु किया। समय-समय पर सहयोग मिलता रहा और आज की तारीख में मैं खुशहाल जिंदगी गुजार रही हूं। बच्चों को पढ़ाई लिखाई करने के बाद कुछ पैसे की बचत भी कर रही हूं।

दरभंगा जिले की जाले की रेणु देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं बहुत गरीबी में जी रही थी। लेकिन जब से जीविका से मै जुड़ी मेरे लिए वरदान साबित हो गया। सभी से मिलने जुलने से आत्मविश्वास बढा। 14-15 साल की उम्र में मेरा बाल विवाह हो गया था। जल्दी ही बच्चे हो गए उनके पालन पोषण को लेकर परेशान रहने लगी। बच्चों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जीविका समूह के साप्ताहिक बैठक में हम दीदियों ने निर्णय लिया कि हमलोगों का जीवन तो बर्बाद हुआ ही है, लेकिन हम अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद ही शादी-विवाह करेंगे। आज हमारे इलाके में बड़ा परिवर्तन आया और बाल विवाह पर लगभग रोक लग गई है। जीविका से लोन लेकर अपना बिजनेश कर रहे हैं और आर्थिक स्थिति में बहुत बडा सधार हो रहा है। दिसंबर 2014 में मैं जीविका से जुड़ी और धनकुटी मशीन लेकर कमायी कर रही थी उसके बाद 2016 में अपने रोजगार को बढ़ाया। फिर जीविका से लोन लेकर मसाला पीसकर बेचने लगी, तेल पेराई करने लगी और इधर 6 माह से पारचुन की दुकान मैं खुद चला रही हूं और अपने आर्थिक स्थिति में सुधार करने में कामयाब हुई। मेरे पति शराब पीकर रोज ड्रामा करते थे। मैंने थाने में उनके खिलाफ शिकायत की और थाने में पति से बांड भरवाकर घर लायी। इस काम में पुलिस विभाग ने हमारा साथ दिया और आज उन्होंने शराब पीना छोड़ दिया और अब अपना काम कर रहे हैं।

मधुबनी जिले के सरिसो प्रखंड से आयी सुमीत्रा देवी ने बताया कि मेरे पति का 4 साल पहले देहांत हो गया। जीविका दीदी ने हमारा सहयोग किया और अपने साथ जोड़ लिया। फिर सहयोग मिला उसके बाद दुकान खोलकर चला रही हैं। एक साल पहले इंदिरा आवास योजना से घर बना और अपनी कमायी से हमने छत को ढलवाया। नल-जल की सुविधा मिली और आज की तारीख में सुखी जीवन जी रही हूं। मेरे पति शराब पीते थे, मना करने के बाद भी नहीं मानते थे, नतीजा यह रहा कि उनका कम उम्र में ही निधन हो गया।

जीविका समूह के बनने से आज हमलोगों के जीवन में बड़ा परिवर्तन हो गया और खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

समस्तीपुर जिले के शाहपुर के पटोरी गांव की ज्ञयांति देवी ने बाल विवाह पर बोलते हुए कहा कि मेरी शादी 16 साल की उम्र में ही कर दी गई थी। मेरे माता-पिता के सामने परिस्थिति ऐसी थी की मेरे दादा जी बीमार रहते थे, इसलिए मेरे पापा ने मेरा बाल विवाह कर दिया। उस समय मैं 9 वें वर्ग में पढ़ रही थी और पढ़ाई छूट गई। शादी जब हुई तो उस समय मेरे पति पढ़ाई ही कर रहे थे। छोटी उम्र में शादी होने के बाद 17 साल की उम्र में ही बच्चा हुआ और मुझे बहुत परेशानी हुई। साथ ही मेरा मानसिक तौर पर बहुत विकास नहीं हुआ। सीएलएफ 10 हजार का लोगों का समूह है वहां मैं बाल विवाह के संबंध में अपने अनुभवों को साझा करती हूं। मैं नहीं चाहती हूं कि जिस परिस्थिति से मैं गुजरी हूं उस परिस्थिति से किसी को नहीं गुजरना पड़े इसके लिए जनजागरण करती रहती हैं। अपने बच्चों की शादी 21 साल से पहले नहीं करूंगी। पटोरी निवासी विभा दीदी जो समूह में बैठक थी वो अपनी 15 वर्ष की उम्र में बेटी की शादी करने वाली थीं। उस वक्त मैंने उनसे कहा कि इस उम्र में क्यों बेटी की शादी कर रही हैं। छोटी सी उम्र में शादी मत कीजिए तब उन्होंने हमलोगों की बातों को माना और शादी को रोक दिया। जीविका समूह से जुड़ी सभी महिलाएं अपने-अपने तरीके से व्यवसाय कर रही हैं। मुख्यमंत्री जी आपसे एक बात कहूंगी कि 3-4 साल बाद पटोरी गांव में गरीबी देखने को नहीं मिलेगा।

समस्तीपुर जिले के गोनहर की रहने वाली रंजू देवी ने कहा कि मेरे पति ताड़ी बेचने का काम कर रहे थे। पेड़ से गिरने से उनका हाथ टूट गया, फिर हमलोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई। मेरे ससुराल से खाना पीना बंद कर दिया गया। जीविका समूह की दीदियां मेरे सामने आयीं और मुझे अपने साथ जोड़ लिया और किराने का दुकान खुलवाया और आज की तारीख में अपने पति और तीन बच्चों का पालन पोषण इसी दुकान से कर रही हूं। अपने बच्चों को पढ़ा रही हूं उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए लगातार मेहनत कर रही हूं।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, सांसद श्री रामप्रीत मंडल, विधायक श्री राजेश कुमार सिंह, विधायक श्री विरेंद्र कुमार, विधायक श्रीमती मीना कुमारी, विधायक श्री अमन भूषण हजारी, विधायक श्री अजय चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग सचिव श्री अनुपम कुमार, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त श्री मनीष कुमार, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरुगन डी0, अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा श्री बच्चू सिंह मीणा, दरभंगा क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री अजिताभ कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, समस्तीपुर जिले के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभांकर, दरभंगा के जिलाधिकारी श्री त्याग राजन एस०एम०, मधुबनी के जिलाधिकारी श्री अमित कुमार, दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री बाबू राम, समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो, मधुबनी के पुलिस अधीक्षक श्री सत्य प्रकाश सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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