पटना। राष्ट्रीय कला उत्सव में बिहार को दो स्वर्ण पदक, एक रजत पदक एवं दो कांस्य पदक मिले हैं। बिहार को पांच पदक पांच विधाओं में मिले हैं। राष्ट्रीय कला उत्सव प्रतियोगिता का निर्णायक सत्र मंगलवार को राष्ट्रीय शैक्षिक प्रशिक्षण परिषद (नयी दिल्ली) द्वारा आयोजित की गयी। उसमें सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय विद्यालय संगठन एवं नवोदय विद्यालय समिति से नौ विधाओं में 591 विद्यार्थियों की प्रतिभागिता रही।
इसमें ‘स्थानीय खिलौने एवं खेल’ विधा (बालिका वर्ग) में बिहार की प्रभा कुमारी को स्वर्ण पदक मिला है। प्रभा कुमारी पटना जिले के श्रीराम हरी उच्च विद्यालय, पभेरा में 12वीं कक्षा की छात्रा हैं। स्वर्ण पदक के साथ प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली प्रभा कुमारी को मिली पुरस्कार राशि 25 हजार रुपये है। बिहार से दूसरा स्वर्ण पदक हासिल करने वाले छोटू पासवान हैं। छोटू पासवान अरवल के राम रतन उच्च विद्यालय, सचाये के 12वीं कक्षा के छात्र हैं। उन्हें स्वर्ण पदक ‘स्थानीय खिलौने एवं खेल’ विधा (बालक वर्ग) में मिला है। स्वर्ण पदक के साथ प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छोटू
दूसरी ओर बिहार के गोपाल कुमार को रजत पदक मिला है। उन्हें यह रजत पदक ‘संगीत (गायन): पारंपरिक लोक संगीत’ विधा (बालक वर्ग) में मिला है। गोपाल कुमार शेखपुरा जिले के उच्च विद्यालय प्लस-टू, बरबीघा के हैं। रजत पदक के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले गोपाल कुमार को पुरस्कार स्वरूप 20 हजार रुपये की राशि मिली है। खास बात यह है कि ‘संगीत (गायन): पारंपरिक लोक संगीत’ विधा (बालक वर्ग) में कांस्य पदक के साथ तीसरा स्थान भी बिहार की ही झोली में गया है। ‘संगीत (गायन): पारंपरिक लोक संगीत’ विधा (बालक वर्ग) में कांस्य पदक के साथ राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है ऋषभ प्रकाश ने। ऋषभ प्रकाश सारण जिले के जिला उच्च विद्यालय, सारण के 12वीं कक्षा के छात्र हैं। पुरस्कार स्वरूप ऋषभ प्रकाश को 15 हजार रुपये की राशि मिली है।
बिहार को एक और कांस्य पदक मिला है ‘दृश्यकला (द्विआयामी)’ विधा (बालिका वर्ग) में। इसमें कांस्य पदक के साथ राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान अर्चीषा घोष को मिला है। अर्चीषा घोष यहां पटना के संत कैरेंस उच्च विद्यालय में 10वीं कक्षा की छात्रा हैं। उन्हें पुरस्कार स्वरूप 15 हजार रुपये की राशि मिली है।
आपको बता दूं कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में बालक एवं बालिका वर्ग के प्रथम स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को निर्णायकों द्वारा दो से 10 दिसंबर की अवधि में किलकारी, बिहार भवन एवं उपेंद्र महारथी शिल्प सस्थान में प्रशिक्षित किया गया था। राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में सभी निर्णायकों की भूमिका अहम रही। राज्य स्तर पर विजेता प्रतिभागियों की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए इनके प्रस्तुतियों की परिमार्जन हेतु निर्णायकों द्वारा मार्गदर्शन किया गया।
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