वैदिक साहित्य के विशिष्ट व्याख्याता थे पंडित राम नारायण शास्त्री: अश्विनी चौबे

208 0

पटना, 24 जनवरी 2021

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पं. राम नारायण शास्त्री एक प्रख्यात समाजसेवी, राष्ट्र चिंतक, साहित्यकार ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तो थे ही, वैदिक साहित्य के विशिष्ट व्याख्याता भी  थे। शास्त्री जी ने नई पीढ़ी को रास्ता दिखाने का कार्य किया। 

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, कदमकुआं पटना में पंडित रामनारायण शास्त्री-स्मारक न्यास द्वारा स्मृति-पुष्पांजलि समारोह व पुण्यमयी महियसी मातृश्री श्रीमती ईश्वरी देवी पावन स्मृति दिवस पर आयोजित सारस्वत सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि  पं॰  राम नारायण शास्त्री जी ने  वैदिक साहित्य को आगे बढ़ाने का कार्य किया। उन्होंने इस माध्यम से आक्रांताओं की विघटनकारी नीतियों  के कारण  हिन्दुओं में उपजी हीनता और   कायरता के भाव से जन मानस को    मुक्त किया और आत्मविश्वास   जागृत   किया। इसी विचारधारा  के फलस्वरूप  हम पश्चिम की मानसिक दासता के   विरुद्ध आत्मविश्वास तथा संकल्प के   साथ विद्रोह कर सके। पंडित  शास्त्री जी इस विचारधारा के वाहक रहे। 

वे एक अध्येता थे। उनके  शोध और संपादन से ही  “राम जन्म” “हरि चरित” और दरिया ग्रंथावली जैसे कई दुर्लभ ग्रंथ का प्रकाशन संभव हो पाया।    शास्त्री जी का जन्म और उनकी मृत्यु 24 जनवरी को हुई थी। यही नहीं, अर्धांगिनी श्रीमती  ईश्वरी देवी  की मृत्यु  भी उनकी पुण्य तिथि को ही हुई थी। कहा जाता है कि ऐसा सौभाग्य पुण्य आत्माओं को ही मिलता है। ऐसी आत्माओं  और उनके  कार्यों को ट्रस्ट के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने वाले व्यक्तियों को मेरा नमन है। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे ने कहा कि इस अवसर पर आज जिन महानुभावों को पुरस्कृत किया जा रहा है, वह अपने-अपने क्षेत्र के शलाका पुरुष हैं । यदि यह कहा जाए कि उनके सम्मान से यह ट्रस्ट भी सम्मानित हो रहा है तो  अतिशयोक्ति नहीं होगा। 

 सिद्धार्थ सिंह  का जीवन राष्ट्र की सेवा को समर्पित है। गरीबों के कल्याण के लिए, उनके उत्थान के लिए समर्पित हैं। समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में लाकर, राष्ट्र का समग्र विकास करना, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को संबल प्रदान करना ही उनका लक्ष्य है। कवि सत्यनारायण लोकप्रिय  कवि है। उनकी कविता ने बिहार का गौरव बढ़ाया है। समारोह को श्री दत्तात्रेय होसबाले, सर कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, डॉ अनिल सुलभ, अध्यक्ष बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन, डॉ रमेश चंद्र सिन्हा,  अध्यक्ष शास्त्री स्मारक न्यास, अभिजीत काश्यप, संयोजक शास्त्री स्मारक न्यास ने संबोधित किया।

Related Post

मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में अरवल और जहानाबाद जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

Posted by - जनवरी 17, 2023 0
पटना, 17 जनवरी 2023 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में अरवल और जहानाबाद जिले की…

अमर स्वतंत्रता सेनानी स्व० कविराज रामलखन सिंह को उनकी पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई

Posted by - नवम्बर 29, 2022 0
पटना, 29 नवम्बर 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अपने पूज्य पिता अमर स्वतंत्रता सेनानी स्व० कविराज रामलखन सिंह…

मुख्यमंत्री ने बोधगया में किया महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का लोकार्पण, निर्माणाधीन स्टेट गेस्ट हाउस का कार्य इसी साल पूरा करने का दिया निर्देश

Posted by - अप्रैल 16, 2022 0
पटना, 16 अप्रैल 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज 153 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाबोधि सांस्कृतिक…

मुख्यमंत्री ने बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व० सदानंद सिंह के श्राद्धकर्म में लिया भाग.तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

Posted by - सितम्बर 19, 2021 0
पटना, 19 सितम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व०…

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई

Posted by - मई 27, 2022 0
पटना, 27 मई, 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp