ये हैं शालिनी श्रीवास्तव। महज इन्होंने छोटी उम्र में बड़ी उड़ान भरी है,अंदाजा आप इस बात से लगा लिजिए कि बिहार के पटना में जन्मी शालिनी श्रीवास्तव ने ताइक्वांडो इंटरनेशनल ब्लैक बेल्ट3/22 गोल्ड मेडल तक का सफर तय कर लिया है। बुलंद हौसलों के चलते परिवार की आर्थिक तंगी भी इनकी राह नहीं रोक पाई।
शालिनी श्रीवास्तव भारत की एक प्रसिद्ध मॉडल और इंस्टाग्राम स्टार हैं। शालिनी एक भारतीय लाइफस्टाइल ब्लॉगर और फिटनेस इन्फ्लुएंसर हैं, जिन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए लोकप्रियता हासिल की है। 627k+ से अधिक अंतर्राष्ट्रीय अनुयायियों के साथ, शालिनी को लोकप्रिय प्रभावकों में से एक माना जाता है। उसने एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से प्रसिद्धि प्राप्त की, जहां वह अपने टोंड फिगर की तस्वीरें पोस्ट करती है और साथ ही वह बड़े ब्रांडों के साथ सभी भुगतान की गई साझेदारियों के साथ एक अच्छा जीवनयापन करती है।
उसने निश्चित रूप से फिटनेस और शोबिज उद्योग में बड़ी लहरें बनाई हैं। अपने अद्भुत फैशन सेंस के साथ, उन्होंने एक बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित किया है और उन्हें एक बड़ा ब्रांड प्रभावित किया है। वह कई वीडियो में नजर आ चुकी हैं। वह अपने एक्ट्स के लिए लोकप्रिय हुईं। वह इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाली लड़कियों में से एक हैं। वह आमतौर पर अपने स्वास्थ्य, कसरत और स्वस्थ खाने के टिप्स साझा करती हैं। अपने सोशल मीडिया हैंडल पर। उसने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी लोकप्रियता बढ़ाना जारी रखा है। उनके बड़े पैमाने पर अनुसरण को उनकी सरलता और रचनात्मकता के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसने दुनिया भर में कई ब्रांडों का ध्यान आकर्षित किया है।
वह अपने अद्भुत रूप, प्यारी मुस्कान, शैली और शानदार व्यक्तित्व के लिए प्रमुखता से टूट गई, जिससे उसकी मनोरम छवियों और वीडियो के लिए उसकी लोकप्रियता बढ़ गई। उनकी सोशल मीडिया उपस्थिति आश्चर्यजनक गति से बढ़ रही है। आप जल्द ही उन्हें मॉडलिंग की शूटिंग में देखेंगे। हम आपको उसके बारे में पूरी जानकारी देंगे। उसका विकी, आयु, परिवार, तथ्य, और अधिक चेकआउट करें
उन्होंने इस खेल में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उनकी मेहनत और लगन उनके काम भी आई। उन्होंने कई बार अंतरराष्ट्रीय और कई बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया। राज्य स्तर पर उन्होंने कई पदक भी जीते।
इसके बाद उन्होंने ताइक्वांडो खेल पर ही अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया।
शालिनी श्रीवास्तव का मानना है की महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से ताकतवर बनाकर ही उसे सशक्त किया जा सकता है।
वो एक दशक से इसी काम में लगी हुई हैं आज वह खिलाडिय़ों खासकर युवतियों के लिए एक मिसाल बनी हुई हैं।
शालिनी श्रीवास्तव की ताइक्वांडों में उपलब्धियां
कई बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भागीदारी
नेपाल में आयोजित इंटरनेशनल प्रतियोगता में भाग 2008 में लालू यादव से पुरस्कार पाया
कोचिंग के दौरान उनकी उपलब्धि
वह ताइक्वांडो इंटरनेशनल ब्लैक बेल्ट3/22 गोल्ड मेडलिस्ट भी रहीहैं।
अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भी जीत चुके हैं पदक।
महिलाओं को पहचाननी होगी अपनी ताकत
शालिनी श्रीवास्तव ने कही कि महिलाओं को अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है। इसके लिए उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त होना पड़ेगा। इसके लिए खेल काफी मददगार होते हैं। ताइक्वांडो में भी लगातार युवतियां अपना हुनर दिखा रही हैं।
खेलों में उपलब्धि हासिल करने के बाद उन्होंने युवतियों को भी ताइक्वांडों में प्रशिक्षित करने के साथ वो अब समाजसेवा में लग गई है ।
जब शालिनी श्रीवास्तव से पूछा गया की आप खेल के साथ क्यों समाजसेवा करने का फैसला किया, तो उन्होंने कही की समाजसेवा कोई विचार आने के बाद नहीं की जाती। हमें लगाता है कि हम लोग समाज के अगृणी हैं और समाज से बहुत कुछ पाते हैं। जब हम सक्षम हो जाएं तो हमें समाज को भी कुछ देना चाहिए। जब मैं टूर पर होती थी तो देखती थी कि कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें खाना तक नहीं मिलता। इसलिए मैंने फैसला किया कि ऐसे लोगों की मदद की जाए जो जरूरतमंद हैं।
फिर शालिनी श्रीवास्तव कही की अगर कोई भी काम करने जाओ तो कई चुनौतियां आती हैं और लोग कठनाई पैदा करते हैं। हालांकि अगर आपके मन में कुछ करने का विचार आ जाए और आप उस पर डटे रहते हैं तो उसे पूरा कर ही लेते हैं।
शालिनी श्रीवास्तव ने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर सफलता के कई ऐसे मुकाम हासिल की हैं.
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