पटना:बिहार के मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा (Madrasa Education) के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश सरकार (CM Nitish Kumar) के मंत्री आपस में टकरा रहे हैं। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) एकमत नहीं दिख रहे हैं। बीजेपी कोटे से आने वाले वन व पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू और श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने बिहार के मदरसों की शिक्षा शैली पर सवाल उठाया तो बचाव में जेडीयू कोटे के मंत्री कूद पड़े हैं। शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि मदरसे अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों में राष्ट्र प्रेम की भावना जगा रहे हैं। इसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा है कि मदरसाे पर सवाल उठाने वाले पहले मदरसा शिक्षा को जान लें, तब कुछ कहें।
बीजेपी कोटे के मंत्रियों ने उठाए मदरसों की पढ़ाई पर सवाल
विवाद मामला तब शुरू हुआ, जब बीजेपी कोटे के मंत्री नीरज बबलू और जीवेश मिश्रा ने मदरसों की पढ़ाई पर सवाल खडे़ किए। उन्होंने कहा कि मदरसों में देश व हिंदुत्व विरोधी शिक्षा दी जाती है। वहां बच्चों के मन में जहर घोला जाता है, जिसे रोकना जरूरी है। मंत्री नीरज बबलू ने मदरसों को सरकार की तरफ से दिए जाने वाले अनुदान को लेकर भी सवाल खड़े किए।
जेडीयू की तरफ से शिक्षा मंत्री ने दे डाली नसीहत, मांगे सबूत
बीजेपी कोटे के मंत्रियों के आरोप पर पहला जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले शिक्षा मंत्री विजय चौधरी का आया। उन्होंने कहा कि बगैर सबूत मदरसों पर आरोप लगाना उचित नहीं है। अगर किसी जगह कोई गलत काम होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून है। उन्होंने यह भी कहा कि मदरसों के माध्यम से अल्पसंख्यक समाज के बच्चे सुरक्षित हो रहे हैं, जिससे उनमें देश प्रेम की भावना जागेगी। उन्होंने देश के संविधान का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत अल्पसंख्यकों को अपने धर्म पर आधारित शिक्षण संस्थान खोलने की छूट है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का चैलेंज: साबित करिए आरोप
शिक्षा मंत्री के बाद अब जेडीयू कोटे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान ने बीजेपी कोटे के मंत्रियां के बयान पर आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने चुनौती देते हेते हुए कहा है कि यदि मदरसों में कुछ गलत होने की बात साबित हो जाए तो वे राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने आरोप लगाने से पहले मदरसा देखने की बात कही। यह भी कहा कि मदरसों में देश प्रेम और समाज सेवा की शिक्षा दी जाती है। मदरसों पर सवाल उठाने वालों को इसकी जानकारी नहीं है।
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