उत्तर प्रदेश चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए मुसलमान अछूत नहीं हैं
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए मुसलमान अछूत नहीं हैं. सामाजिक न्याय के पक्ष में खड़ा रहने पर जोर देते हुए सोमवार को अपना दल को ‘हिंदुत्व और इससे संबंधित सभी मुद्दों’ से अलग किया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वैचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी से अलग है.
मुस्लिम हमारी पार्टी के लिए अछूत नहीं
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मुस्लिम उम्मीदवार उनकी पार्टी के लिए अछूत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ‘हां, हम वैचारिक रूप से भाजपा से अलग हैं. लोग मुझसे हिंदुत्व और इससे जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछने की कोशिश कर रहे हैं. मैं उन सभी मुद्दों से खुद को अलग करती हूं और मेरी पार्टी धार्मिक राजनीति नहीं करती. हम सामाजिक न्याय के लिए खड़े हैं. यही हमारी विचारधारा है.’
अपना दल ने उतारा मुस्लिम उम्मीदवार
अनुप्रिया पटेल ने कहा, ‘हमने हमेशा समाज में हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए काम किया है, चाहे सड़कों पर हो या संसद में और यही हमारा दर्शन एवं संस्थापक सिद्धांत हैं और हम इसे बरकरार रखते हैं.’ यूपी में पिछले तीन चुनावों 2014 और 2019 के आम चुनाव तथा 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की सहयोगी रही है, इस बार अपना दल (एस) ने अपने पहले मुस्लिम उम्मीदवार की घोषणा की है. अपना दल ने कांग्रेस की दिग्गज नेता बेगम नूर बानो के पोते हैदर अली को अपना उम्मीदवार बनाया है. वह स्वार से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
अनुप्रिया पटेल ने कही ये बात
अनुप्रिया ने कहा कि ‘मुझे नहीं पता कि हर कोई एक उम्मीदवार को धर्म के नजरिए से क्यों देख रहा है. वह एक पढ़े-लिखे होनहार युवा हैं.’ उन्होंने कहा कि जब पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल जीवित थे, उस समय मेरी पार्टी के पहले विधायक एक मुसलमान थे. जो कि प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र से जीते थे और उनका नाम हाजी मुन्ना था. कई मुसलमान अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं इसलिए मेरी पार्टी के लिए मुसलमान अछूत नहीं और मैं उम्मीदवारों के धर्म को नहीं देखती.’ इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि यूपी में जनता का रुझान उनके गठबंधन के पक्ष में है और बीजेपी के नेतृत्व में एक बार राज्य में सरकार बनेगी.
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