ऑस्टियोआर्थराइटिस किसी भी उम्र में कभी भी हो सकता है- डॉ. निहारिका सिन्हा

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वे कहते हैं कि एक मील की यात्रा, पहले कदम से शुरू होती है- डॉ. निहारिका सिन्हा

अपनी हड्डियों से निकलने वाली आवाज?

ऑस्टियोआर्थराइटिस बीमारी का है संकेत जोड़ (ज्वॉइंट) हमारे शरीर का एक ऐसा हिस्सा होता है जहां दो या दो से अधिक हड्डियां आपस में मिलती हैं. जैसे कि कूल्हे में हड्डियों का होता है, जहां जांघ की हड्डी का ऊपरी सिरा पेल्विस के सॉकेट में फिट होता है. जोड़ की हड्डियां एक लचीली मगर मजबूत कार्टिलेज से कवर होती हैं जिसकी मदद से ये आपस में टकराए बिना मूव करती हैं.

डॉ. निहारिका सिन्हा ने कही की लगभग 2.4 करोड़ लोगों को प्रभावित करने वाला ऑस्टियोआर्थराइटिस वैश्विक कारक बन गया है। एक अनुमान के अनुसार आज दुनिया भर में 60 वर्ष से अधिक आयु के 9.6% पुरुष और 18.0% महिलाओं में इस रोग के लक्षण OA  मौजूद है। अकेले भारत में 2.6 करोड़ लोग इस खतरनाक स्थिति से प्रभावित हैं। इसके लिए बहुत हद तक जीवनशैली और उम्र ज़ीमेबार है। पुरुष के मुकावले महिलाओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा अधिक होता है,

डॉ. निहारिका सिन्हा ने कही की ऑस्टियोआर्थराइटिस किसी भी उम्र में कभी भी हो सकता है विशेषकर 50 वर्ष या इससे अधिक के उम्र में।

फिर डॉ. निहारिका सिन्हा ने कही की ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जहां जोड़ों में इन्फ्लमैशन बढ़जाता है जिससे हड्डियों के सिरों पर मौजूद सुरक्षा कवच जो कुशनिंग का काम करते हैं उनका क्षरण होता है और इस प्रकार समय के साथ ये समाप्त हो जाते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस ज्यादातर घुटने और पीठ जैसे बोझ उठाने वाले जोड़ों को प्रभावित करता है।

डॉ. निहारिका सिन्हा बोली ली लंबे समय से इस पेशा में रहते हुए हमने ऑस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित बहुत सारे भ्रामक धारणाओं का सामना किए हैं, उनमें से कुछ बहुत हँसने लायक हैं। चलिए उन्हें हम क्रम से देखते हैं । 

आज डॉ. निहारिका सिन्हा ने ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े 10 भ्रम के बारे में बतायी.

  1.   अंगुली चटकाना ऑस्टियोआर्थराइटिस को जन्म देता है?

अपने अंगुली के जोड़ को कस के दबाना जिससे चट का आवाज आता है। मुझे आज भी याद है मेरी दादी ये कहा करती थीं। हालांकि यह किसी भी तरह से ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण नहीं बनता है लेकिन अगर नियमित रूप से ऐसा किया जाता है तो यह टेंडन, जॉइंट कैप्सूल और लिगामेंट्स को नुकसान पहुँचा सकता है।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ही हैं?

दोनों गठिया के रूप हैं और जोड़ों के दर्द और विकृति का कारण बनते हैं लेकिन उनकी उत्पत्ति और निदान अलग – अलग हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र बढ़ने के कारण हडियों में होने वाले टूट – फुट से संबंधित है जबकि रूमेटाइड आर्थराइटिस ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है जो एचएलए-डीआर 4 जीन की उपस्थिति से जुड़ा हुआ है। जहाँ ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों पर असर करता है वहीँ रुमेटीइड आर्थराइटिस का हृदय और रेस्परटोरी सहित शरीर के लगभग सभी प्रणालियों पर प्रभाव पड़ता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस घुटने और पीठ जैसे प्रमुख जोड़ों को प्रभावित करता है, रूमेटाइड आर्थराइटिस मुख्य रूप से हाथों के छोटे जोड़ों में देखा जाता है।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस उच्चें हील वाले सैंडल पहनने के कारण होता है?

उच्चें हील किसी भी तरह से आपके शरीर के आसन के लिए ठीक नहीं है। ये शरीर के अपने बायोमैकेनिक्स को नुकसान पहुँचता है और आपकी पीठ और पैर की मांसपेशियों को प्रभावित है।  लेकिन इसका ऑस्टियोआर्थराइटिस के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है। पार्टियों में कभी – कभाल हील्स पहनना जा सकता है लेकिन अगर आप इसे नियमित रूप से पहनेंगे  तो निश्चित रूप से यह आपके पैर और घुटनो के लिए ठीक नहीं है।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण व्यायाम करने से बढ़ जाते हैं?

इसके विपरीत, व्यायाम और फिजियोथेरेपी ऑस्टियोआर्थराइटिस का एकमात्र दीर्घकालिक उपचार है जब तक कि आप घुटना  प्रतिस्थापन (replacement) की योजना नहीं बना रहे हों। बहुत से अध्ययनों इस संबंध में इन दोनों के लाभ की पुष्टि की है।

  • हाइड्रोथेरेपी या वाटर एक्सरसाइज के माध्यम से जोड़ों से वजन कम करने में
  • इन्फ्लमैशन और डिजेनरेशन को दूर करने में
  • आइसोमेट्रिक्स और आइसोटोनिक एक्सरसाइज के माध्यम से मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने में
  • जॉइन्ट मोबलिज़ैशन तकनीक और इलेक्ट्रोथेरप्यूटिकल तौर-तरीकों के माध्यम से दर्द से राहत
  • व्यायाम ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों से राहत के लिए वजन प्रबंधन में भी बेहद आवश्यक है

हालांकि एक्सरसाइज  प्रोग्राम रोगी की स्थिति और रोग पैटर्न पर निर्भर करता है। एक विशेषज्ञ की देखरेख में इनका अभ्यास करना सुनिश्चित करें।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए दवा केवल दर्द को दूर करने में मदद करती है?

रोग की प्रगति के प्रारंभिक चरण में लेने पर उचित दवाएं रोग की प्रगति की दर और तीव्रता दोनों को नियंत्रित कर सकती हैं। एंटी इन्फ्लमैशन, मांसपेशियों को आराम और दर्द से राहत देने के साथ कुछ विस्कोसप्लीमेंट्स (viscosupplementation) एजेंट हैं जो जोड़ों के रस को बहाल करते हैं जिससे मूवमेंट आसान होता है। बहुत शोध के बाद दवाएं विकसित की जाती हैं जिससे कि आपके जीवन को आसान बनाया जा सके।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस के प्रबंधन में आहार की कोई भूमिका नहीं है?

आहार से बीमारी ठीक नहीं होती है, लेकिन इसके लक्षणों को दूर किया जा सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले लोगों के लिए बहुत सारे क्या करें, क्या न करें जैसे नियम हैं, एंटी इन्फ्लैमटोरी आहार बहुत से लक्षणों को ठीक कर सकते हैं। विटामिन ए, सी, और ई का नियमित सेवन जोड़ो में होने वाले नुकसान को कम करता है।

  • यदि आप कम उम्र से शारीरिक रूप से सक्रिय रहे हैं, तो आपको ऑस्टियोआर्थराइटिस नहीं होगा?

सक्रिय होना निश्चित रूप से आपको इससे बचा सकता है लेकिन यह गारंटी नहीं है। वास्तव में खेल के मैदान में आए चोट आपके बाद के जीवन में ऑस्टियोआर्थराइटिस के जोखिम को बढ़ा देते हैं।

  • मेरे माता-पिता दोनों को ये है, बस कुछ समय की बात ह, ये मुझे भी हो जाएगा?

यह निश्चित रूप से आपको  इसके जोखिम के घेरे में डाल देता है, लेकिन ऐसा हीं हो ये जरुरी नहीं। इससे बचाव के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है, स्वस्थ जीवन शैली, आहार, वजन पर नियंत्रण रख कर ऑस्टियोआर्थराइटिस के सारे खतरों से अपनी रक्षा कर सकते हैं।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस कैल्शियम की कमी के कारण होता है?

ऑस्टियोआर्थराइटिस से इसका कोई सीधा संबंध नहीं है और न हीं ऑस्टियोआर्थराइटिस हड्डियों के नुकसान का कारण है। इसके विपरीत, यह हड्डी के पुनरुत्थान की कमी के कारण अस्थि घनत्व और असामान्य वृद्धि (ओस्टियोफाइट्स) से जुड़ा हुआ है।

  1. मौसम से ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है?

नहीं, लेकिन यह मांसपेशियों से संबंधित लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है।

मुझे उम्मीद है कि इस लेख ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के बारे में हमारी जानकारी लोगो को पसंद आएगी। 

 वे कहते हैं कि एक मील की यात्रा, पहले कदम से शुरू होती है !

       डॉ. निहारिका सिन्हा

(जोड़ों का दर्द एवं गठिया रोग विशेषज्ञ)

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