पटना के मेडीमैक्स हॉस्पिटल के सीनियर गैस्ट्रो सर्जन डॉ संजीव कुमार ने बताया की आजकल पथरी की वजह से पित्ताशय की सर्जरी सामान्य हो गई है। इसे लेप्रोस्कोपी के जरिए निकालकर उसी दिन मरीज को छुट्टी भी दे दी जाती है।
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती, हमे यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि कहीं मरीज को कैंसर तो नहीं है।
आज 90 प्रतिशत मामलों में पित्ताशय के ऑपरेशन के बाद उसकी सर्जरी नहीं करवाई जा रही है।
डॉ संजीव कुमार ने बताया की जबकि कैंसर के 80 प्रतिशत मामलों में पित्ताशय में पथरी भी पाई जा रही है। इसलिए पित्ताशय की सर्जरी के बाद बायोप्सी जरूर कराएं, जिससे सभी तरह की शंकाओं का समाधान हो सके।
डॉ संजीव कुमार ने बताया की पित्ताशय में पथरी होने के 5 प्रतिशत मामले कैंसर में बदल रहे हैं। यानी हर 100 में से 5 लोगों में कैंसर हो रहा है। यह आंकड़ा छोटा नजर आता है, लेकिन जिस तरह से बड़ी आबादी में पथरी मिल रही है, उसी अनुपात में कैंसर भी बड़ी आबादी को प्रभावित कर रहा है।
डॉ संजीव कुमार ने बताया की इसके पीछे खुद मरीजों का इलाज में देर करना और विशेषज्ञों का पूरी जांच न करना बड़ी वजह है।
डॉ संजीव कुमार ने बताया की अल्ट्रासाउंड के दौरान ही गहनता से जांच की जाए तो कैंसर की संभावना पकड़ी जा सकती है, लेकिन केवल पथरी की पहचान करके अल्ट्रासाउंड पूरा कर लिया जा रहा है।
इस लिए विशेषज्ञों द्वारा ही इसका अल्ट्रासाउंड करवाया जाए।
डॉ संजीव कुमार ने बताया की सर्जरी के बाद पित्ताशय या उसमें से निकाली गई गांठ के बाद ही ऑपरेशन पूरा मान लिया जा रहा है। 90 प्रतिशत मामलों में कैंसर की संभावना का पता लगाने के लिए बायोप्सी जैसा आसान विकल्प भी नहीं अपनाया जा रहा है।
मात्र छह सौ रुपये में होने वाली इस जांच के जरिए पुष्टि की जा सकती है कि पथरी की वजह से पेट के किसी अंग में कैंसर तो नहीं हो गया।
सर्जरी के बाद पित्ताशय को अलग कर लेने के बावजूद कैंसर का खतरा खत्म नहीं हो जाता। अगर पित्ताशय में कैंसर था और बायोप्सी नहीं करवाई गई, तो कभी पता नहीं चल सकेगा कि मरीज पर क्या खतरा बना हुआ है।
ऐसे मामलों में पित्ताशय निकाले जाने के बावजूद अन्य अंगों में कैंसर होने की संभावना बनी रहती है, वह कभी भी लौट कर आ सकता है और बाकी अंगों को अपनी चपेट में ले सकता है।
डॉ संजीव कुमार ने बताया की पित्ताशय को सर्जरी के दौरान निकालने पर जोर दिया जा रहा है।
साथ ही बताया प्रत्येक हजार केसेस में 10 केसेस कैंसर के हैं। डॉ संजीव कुमार ने बताया की यह अक्रारा बताता है कि पथरी और कैंसर दोनों मिलकर बड़ी संख्या में मरीजों के लिए आफत बन चुके हैं।
फिर डॉ संजीव कुमार ने बताया की ने बताया कि अक्सर माना जाता है कि अजवायन खाने से पेट दर्द होने ठीक हो जाएगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर पेट दर्द में ऐसे नुस्खे उपयोग किए जाते रहें।
यह संकेत हो सकता है कि पित्ताशय में पथरी हो गई है, जिसका समय पर इलाज करवाना चाहिए। अक्सर लंबे समय के दौरान यह पथरी कैंसर की वजह बन जाती है। इसका असर दूसरे अंगों खासतौर से लिवर पर भी होता है। ऐसे में पेट दर्द होने पर अल्ट्रासाउंड करवाना जरूरी हो जाता है।
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