बेटियां बोझ नहीं

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(नीतू सिन्हा)

गंगा, गीता, गायत्री, लक्ष्मी, सरस्वती हैं बेटियां

हर मुश्किल में मुस्कुराएं

वो शक्ति का स्वरुप हैं बेटियां।

भारत की संस्कृति है अद्भुत

यहां की भूमि को “भारत माता” कहते हैं,

 यहां घर घर मे पूजी जाती हैं बेटियां।

नारी मां-बहन-बेटी और ममता की धरोहर हैं

हर रुप में खुद को करती हैं स्थापित

ज़िन्दगी किसी चुनौती से कम नहीं,

सभ्यता की प्रतिमूर्ति हैं बेटियां।

नारी हर परंपरा में ढलकर

नए आदर्शों के भविष्य को सँवारती हैं,

धरती से लेकर आकाश तक

हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं बेटियां।

बेटियां सब के नसीब में कहां होती हैं,

वो तो रब का जो घर पसंद आये वहां होती है़ं

जो तमाम बन्धनों को तोड़कर

बढ़ रहीं आगे वो होती है बेटियां।

कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक बुराई है

इस बात को सभी समझते हैं

प्रताड़ित करने वालों सम्भल जाओ

क्योंकि सृष्टि की रचनाकार हैं बेटियां।

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