(तुम्हारा मैं)

170 0

अच्छा सुनो! कल आना फिर मिलने

ठीक उसी समय जब

तुम्हारा शहर भागता-दौड़ता नहीं है

सुस्ताता है कुछ पल ठहर

सुखाने अपना कीमती पसीना

दिन भर की मशक्क़त, सबसे आगे निकलने की दौड़

दो जून रोटी की कीमत, सिर पर ढोती ज़िम्मेदारियों का बोझ।

हाँ! ठीक उसी समय आना तुम मिलने।

सुना है, शहरी प्रेमियों की टोलियाँ

कोरे कागज़ों पर प्रेम-पोस्टर बनाती है

चाँद, सूरज, बारिश, तितलियों के गीत गाती है

कहो न! तुमने भी तो एक-आध प्रेम कविताएं सुनी  होंगी?

तुमने भी तो प्रेम गाथाएँ ‘बेस्ट सेलर’ के नाम से पढ़ी होंगी?

कितना अजीब है न…

प्रेम का सस्ता हो जाना और

पवित्र एहसासों का महँगा हो जाना

सुना है तुम्हारे शहर में

रहन-सहन के साथ-साथ इंसानियत भी

हो चली है अच्छी-खासी महंगी।

तुम तो गणित से घबराती हो न..

जोड़-भाग, गुना -घाटा

मुश्किल होती होगी न तुम्हें?

रिश्तों में तोल-मोल करना

ईमानदारी के उबड़-खाबड़ रास्ते पर

पग -पग ठोकरे खाना?

कहो न.. कंक्रीट के जंगल के बाशिंदो को

आँसू में क्या नज़र आता है?

पत्थर या पानी?

बोलो न! आओगी न मिलने?

मैं इंतज़ार करूँगा तुम्हारा

सांवले आसमां में, ठीक उत्तर की ओर

जहाँ सप्तऋषि बैठे विवेचना करते होंगे

जब तुम्हारा शहर देर तक नींद में ऊंघ रहा होगा

चाँद भी थका सा पसरा होगा तारों की महफ़िल में

जब भोर के कैनवास में स्याह रंग घुल रही होगी

 लाल सुनहले रंग में

उसी ब्रह्म महूर्त में जब कहते सुना है मैंने

सच होते है बंद पलकों के सारे अधूरे सपने

       तुम्हारा इंतज़ार करूँगा मैं

तुम्हारा पथ प्रदर्शक  – तुम्हारा ध्रुव तारा।

                 गार्गी इवान

        (स्वरचित एवं मौलिक)

         गुरुग्राम (हरियाणा)

Related Post

आदिल रशीद और राजेश राजा के प्रभावशाली अभिनय ने “मरणोपरांत” के मंचन को सार्थक बनाया

Posted by - अक्टूबर 8, 2023 0
पटना,सैंकड़ों दर्शकों को बांधे रहा नाटक । मौका था 8 अक्टूबर 2023 के शाम को कालिदास रंगालय में , विश्वा…

आज का ज्वलंत प्रश्न :?

Posted by - जनवरी 31, 2022 0
आप कहाँ के हिन्दू हैं?  आपने, 1. चोटियां छोड़ीं 2. पगड़ी छोड़ी, 3. तिलक, चंदन छोड़ा 4. कुर्ता छोड़ा, धोती…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp