प्रभास ने कई फ्लॉप देने के बाद बाहुबली से अपनी एक शानदार छवि बनाई थी लेकिन साहो के बाद से वे एक हिट के लिए तरस रहे थे. आदिपुरुष से उनके फैंस को काफी उम्मीदें थीं लेकिन इसने बॉक्स ऑफिस कमाई तो लेकिन किसी के दिलों में ये जगह नहीं बना पाई. फिल्म ने एक बार फिर बॉलीवुड को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है और इसने इसे लिखने वाले राइटर से लेकर प्रभास की छवि भी धूमिल की है. अब इस फिल्म को लेकर सभी लोग एक साथ आए हैं और हर किसी की एक ही राय है कि वे सनातन गृंथों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे. आदिपुरुष के रिलीज का विरोध करने लोग अब सड़क पर उतर आए हैं और नेपाल के बाद भारत में भी इसका बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है.
ओम राउत द्वारा निर्देशित आदिपुरुष को रामायण का ऑन-स्क्रीन रूपांतरण बताया गया था और फिल्म की टीम का कहना है कि वे रामायण से प्रेरित हैं. हालांकि, फिल्म में हर एक पात्र से छेड़छाड़ की गई है और क्रिएटिविटी के नाम पर उन्होंने हर एक किरदार को गलत ढंग से पेश किया है. इसमें प्रभास को राम, कृति सनोन को सीता और सैफ अली खान को रावण के रूप में दिखाया गया है. वहीं वत्सल सेठ को इंद्रजीत, सनी सिंह को लक्ष्मण और देवदत्त नागे को हनुमान जी के रूप में दिखाया गया है. हालांकि, इनमें से किसी के भी किरदार को दर्शकों ने पसंद नहीं किया और फिल्म की पूरी टीम का जमकर विरोध हो रहा है. (
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देश भर के कई फिल्म थिएटरों में उग्र विरोध प्रदर्शन देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को ‘मुर्दाबाद’, ‘हिंदू धर्म का अपमान बंद करो’ और ‘मां सीता का अपमान बंद करो’ जैसे नारे लगाते हुए फिल्म के बहिष्कार का आह्वान करते हुए दिखाया गया है. लोगों के एक समूह ने एक धरना दिया है. वाराणसी में प्रदर्शन और फिल्म के पोस्टर फाड़े. जबकि हिंदू महासभा ने बीते सोमवार को आदिपुरुष के निर्माताओं के खिलाफ लखनऊ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. (PTI)
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इस बीच, ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे फिल्म को ‘स्क्रीनिंग बंद करने’ और भविष्य में सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफार्मों में आदिपुरुष शो पर तुरंत बैन लगाने का अनुरोध किया है. एक खुले पत्र में, AICWA ने लिखा है कि ‘फिल्म स्पष्ट रूप से भगवान राम और भगवान हनुमान की छवि को बदनाम करती है और हिंदुओं और सनातन धर्म की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है.’ पत्र में लिखा है, ‘आदिपुरुष श्री राम और रामायण में हमारी आस्था का पूरी तरह से नाश किया गया है. हमें निर्देशक ओम राउत, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला और फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत है.’
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वहीं मुंतशिर को जान से मारने की धमकी दी गई है जिसके बाद उन्हें मुंबई पुलिस से सुरक्षा मिली है. देश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार सुबह से ही फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जब लोगों के एक समूह ने दिल्ली और महाराष्ट्र के पालघर जिले में आदिपुरुष की स्क्रीनिंग को बाधित कर दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि फिल्म ने आपत्तिजनक रचनात्मक स्वतंत्रता (creative liberties) लेकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. महाकाव्य रामायण और उसके पात्र तब से विरोध और बहिष्कार का आह्वान तेज हो गया है.
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मध्य प्रदेश में भी इसका जबरदस्त प्रदर्शन जारी है. वहां एक टॉकीज पहुंचकर कुछ लोगों ने हंगामा कर दिया और इसके विरोध में मुंडन भी कराया. लोगों ने कहा कि फिल्म में हमारे सनातन धर्म के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया गया है और अब ये बर्दाश्त नहीं की जाएगा और हम फिल्म को नहीं चलने देंगे
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