बिहार की राजनीति में आज अचानाक से उस समय हलचल बढ़ गई, जब नीतीश कुमार के राजभवन आगमन के तुरंत बाद भाजपा के सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने राजभवन पहुंच गए। सीएम के आगमन से कुछ ही देर…
पटना: बिहार की राजनीति में आज अचानाक से उस समय हलचल बढ़ गई, जब नीतीश कुमार के राजभवन आगमन के तुरंत बाद भाजपा के सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने राजभवन पहुंच गए। सीएम के आगमन से कुछ ही देर बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री के आगमन को लेकर कई तरह की चर्चा तेज हो गई।
“राज्यपाल हमारे पुराने मित्र हैं”
हालांकि राज्यपाल से मुलाकात को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि यह महज एक संयोग है। राज्यपाल हमारे पुराने मित्र हैं। विधार्थी परिषद् के ज़माने से वो हमारे साथ रहे हैं। सीएम के आगमन से कुछ ही देर बाद मेरा वहां पर आना महज एक संयोग है। इसके आलावा जो चर्चा चल रही है, उसमें कहीं से भी कोई भी सच्चाई नहीं है। बस इतना ही कहना है कि बहुत दिन बाद एक ऐसा गवर्नर मिला हैं, जो हर एक पहलू पर बारीकी से नजर बनाए हुए रहते हैं। राज्य में शिक्षक बहाली को लेकर जो डोमिसाइल प्रक्रिया लागू की गई है। उसको लेकर सुशील कुमार मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, यह बिहारी प्रतिभा का अपमान है। यह बिहारियों का अपमान है। शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि बिहार में अंग्रेजी में, फिजिक्स में, केमिस्ट्री में लड़के नहीं मिल रहे हैं।
“अगर बाहर के लोग बिहार आकर पढ़ेंगे तो…”
सुशील मोदी ने कहा कि उनसे मेरा सबसे बड़ा सवाल है कि बिना परीक्षा के आपको यह कैसे मालूम चलेगा कि लड़के मिल रहे हैं या नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में अगर बाहर के लोग यहां आकर पढ़ने आएंगे तो यहां के लोग कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री दोनों को बताना चाहिए। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू होने वाला है। इसको लेकर ही सीएम नीतीश राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे।
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