JDU में महासचिव का पोस्ट छीनने से क्या नीतीश कुमार से नाराज हैं केसी त्यागी?

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जेडीयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की लिस्ट से केसी त्यागी का नाम हटाए जाने पर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि खुद केसी त्यागी ने कहा है कि उनकी मर्जी से उन्हें पदमुक्त किया गया है। केसी त्यागी ने कहा कि नाराजगी जैसी कोई बात ही नहीं है। उन्होंने खुद नीतीश कुमार से पदमुक्त करने का आग्रह किया था।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्तर पर अपने नए पदाधिकारियों की घोषणा की, जिनमें एक उपाध्यक्ष और 20 से अधिक महासचिव शामिल हैं। इस लिस्ट में वरिष्ठ समाजवादी नेता केसी त्यागी का नाम नहीं होने को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि इस संबंध में जब केसी त्यागी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी मर्जी से उन्हें जेडीयू के पदाधिकारियों की लिस्ट से हटाया गया है।

मेरी मर्जी से मुझे पदाधिकारियों की लिस्ट से हटाया गया: केसी त्यागी

एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में केसी त्यागी ने कहा, ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मौके पर नीतीश कुमार से प्रेम पूर्वक आग्रह किया था कि हमें 48 साल हो गए हैं, पार्टी में पद पर काम करते हुए। 1974 में चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में जब लोकदल बना था, तब से लेकर अब तक मैं पार्टी का राष्ट्रीय पदाधिकारी रहा हूं। मैंने नीतीश जी से आग्रह किया था कि मुझे पदमुक्त करें। उन्होंने सहज स्वीकार भी किया है। हालांकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यो के बीच में उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था हम इनके लिए कोई नई भूमिका तलाश करेंगे। मैं कोई अप्रसन्न हूं या ऐसा कुछ नहीं है। सारी चीजें मेरी सहमति से हुआ है।’

जेडीयू के नए पदाधिकारियों में 22 राष्ट्रीय महासचिव शामिल

बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन की मंजूरी से जारी सूची के अनुसार, मंगनी लाल मंडल को उपाध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि सूची में पार्टी नेता केसी त्यागी का नाम नहीं है। वह जेडीयू के प्रवक्ता होने के साथ प्रधान महासचिव भी रहे हैं। नए पदाधिकारियों में 22 राष्ट्रीय महासचिव शामिल हैं, जिनमें पूर्व विधायक राजीव रंजन भी शामिल हैं जो हाल ही में बीजेपी छोड़ने के बाद जेडीयू में लौटे हैं।

कुशवाहा नेताओं पर दिखाया गया भरोसा

जेडीयू एमएलसी अफाक अहमद खान को पार्टी में महासचिव बनाए रखा गया है। अन्य महासचिवों में संसद सदस्य राम नाथ ठाकुर, गिरिधारी यादव, संतोष कुशवाहा, चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, विजय मांझी और राम प्रीत मंडल शामिल हैं। इसके अलावा सूची में राज्य के मंत्री संजय झा के अलावा कमर आलम, मोहम्मद अली अशरफ फातमी, भगवान सिंह कुशवाहा, राम कुमार शर्मा और दसई चौधरी जैसे कई नेता हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में जेडीयू में शामिल होने के लिए अन्य दलों को छोड़ा था। अल्पसंख्यकों को संकेत देने के लिए पूर्व सांसद कहकशां परवीन और एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी जैसे असंतुष्ट नेताओं को भी राष्ट्रीय महासचिवों की सूची में शामिल किया गया है। इसके अलावा सूची में एमएलसी रवींद्र सिंह सहित सात राष्ट्रीय सचिव के नाम शामिल हैं। गोपालगंज सीट से सांसद आलोक कुमार सुमन को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।

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