राम राम महेश बाबू इतनी जल्दी कहा छोड़ गए राम राम राम रामू काका कैसे हो बहुत दिन बाद मिले सब ठीक है महेश बाबू आप और हमारे भगवान की कृपा से सब ठीक है और हमारा घर सुचारू रूप से चल रहा है।
अच्छा हुआ रामू काका आपका घर ठीक नहीं चल रहा है पर खुशी से चल रहा है बहुत खुशी हुई यह जान कर
मुझे नहीं पता कि हमारा घर क्यों रुक रहा है। क्या बात है महेश बाबू आपको कभी किसी तकलीफ की वजह से इतना निराश नहीं देखा।
अब क्या बताऊ रामू काका आपकी तकलीफ का आपका बॉस आपको मुआवजा देता है लेकिन हमारा मुआवजा सिर्फ मासिक वेतन से ही पूरा होता है महीना खत्म नहीं हुआ पहले लिस्ट थमा दी जाती है बच्चों की स्कूल फीस और बच्चों के नए स्कूल बैग उसकी कॉपी, किताब, जूते, मोजा, मम्मी पापा की दवा और इस महीने कुछ अतिरिक्त खर्च भी हैं। बाबूजी के चश्मे की संख्या बढ़ गई है लगता है नया चश्मा लेना पड़ेगा और बेचारी पत्नी ने एक लिस्ट दे दी है कि साहब की रसोई का सारा सामान और उसके ग्रूमिंग का कुछ सामान भी लाने की। शादी का सीजन भी एक सप्ताह पहले शुरू हो चुका है। शादी के 6-7 कार्ड रिश्तेदारों ने ही रखे हैं।
अब उनमें अलग-अलग खर्च होते हैं और जाने-माने परिचितों के चार-पाँच कार्ड भी इसमें रखे जाते हैं। कुछ नहीं करते करते छोटे खर्च कब बड़े हो जाते हैं। रामू काका को पता ही नहीं चलता कि अब बच्चों के स्कूल का नया सीजन शुरू हो गया है तो उनके पास सब कुछ होना जरूरी नहीं है। और हमारा बॉस हंस रहा है महेश हा हा हा… ये भी मत पूछो, तारीफ कैसे करूँ उसकी हस्ती की। ऑफिस पहुंचने में अगर 10 मिनट भी देरी हो जाती है तो उसकी भरपाई हमारी मासिक सैलरी देनी पड़ती है। अब ऐसे चलता है हमारा घर मेरे गरीब अंकल कहा है। मेरे परिवार की गाड़ी जिस स्टॉप पर रुकती है वहां भी उसे कुछ नहीं मिलता। कभी पेट्रोल कम आता है तो कभी बेचारी पानी पी कर ही हिलती है। तब रामू काका कहते हैं। महेश बाबू इतना पढ़ लिख कर गुलामी करने का क्या मतलब है महेश बाबू हमारे गुरु को अच्छे लगते है हमारे मालिक ने हमें कभी गुलामी करना नहीं सिखाया गुलामी में भी कोई खुश हुआ है क्या। ये तो सिर्फ दिखावा कर रहा है खुशी हमे काम मे ही मिलती है। पूरा परिवार एक चादर में आकर कहने लगता है। ये है रामू काका और वो गुनगुनाते हैं अरे यार, क्या संगम है.. और महेश बाबू उसे घूरते ही रह जाते हैं
निर्मला सिन्हा ‘निशा’ (फ्रीलांस लेखिका)
ग्राम जमरी डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़
हाल ही की टिप्पणियाँ